बुजुर्ग महिला की हत्या का पर्दाफाश, पुलिस से बचने को शव के किए थे टुकड़े, बेटा और पोता गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया में आरोपी के रूप में मृतक के बेटे संदीप गायकवाड़ और पोते साहिल की पहचान हुई, जिसने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक, मृतक उषा गायकवाड ने बेटे और पोते को अपना घर छोड़ने के लिए कहा था, जिससे वे नाराज थे।
पुणे में पिछले महीने हुई 62 साल की बुजुर्ग महिला की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने इस मामले में महिला के बेटे और पोते को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। महिला की हत्या के बाद उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर एक बोरे में भरकर एक नदी में फेंक दिया गया था।
पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया में आरोपी के रूप में मृतक के बेटे संदीप गायकवाड़ और पोते साहिल की पहचान हुई, जिसने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक, मृतक उषा गायकवाड ने बेटे और पोते को अपना घर छोड़ने के लिए कहा था, जिससे वे नाराज थे। इसी को लेकर दोनों ने इस घटना को अंजाम दिया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि “पांच अगस्त को संदीप और साहिल ने मुधवा पुलिस स्टेशन में उषा गायकवाड के बारे में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।” उन्होंने कहा कि पीड़िता की बेटी शीतल कांबले ने भी ऊषा गायकवाड के लापता होने के पीछे पिता-पुत्र की जोड़ी की संभावित भूमिका को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
अधिकारी ने कहा कि संदीप और साहिल को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे पूछताछ में पता चला कि वे पीड़िता से नाराज थे क्योंकि महिला के पास केशव नगर इलाके में घर और सोने के गहने थे। जिसे देने से उन्होंने मना कर दिया था। आरोपी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पोते साहिल ने महिला की गला दबाकर हत्या की थी। इसके बाद उसने एक इलेक्ट्रिक कटर मशीन खरीदी और सबूत नष्ट करने के लिए उसके शरीर को टुकड़ों में काट दिया और टुकड़ों को एक बोरी में भरकर नदी में फेंक दिया था।”
23 अगस्त को पुणे से करीब 25 किलोमीटर दूर थेउर में मुथा नदी के तट पर महिला के शरीर का अंग तैरता हुआ मिला था। दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।